AI वीडियो जनरेटर अब इतने उन्नत कि 'आंखों देखा सच' भी हुआ पुराना! आप भी जानें क्या है खबर

AI वीडियो जनरेटर अब इतने उन्नत कि 'आंखों देखा सच' भी हुआ पुराना! आप भी जानें क्या है खबर

1 month ago | 5 Views

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा वीडियो बनाने की तकनीक अब उस मुकाम पर पहुंच गई है जहां 'आंखों देखा सच' की अवधारणा ही खतरे में पड़ गई है। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, OpenAI के Sora जैसे अत्याधुनिक AI वीडियो जनरेटर ने बहुत कम समय में ऐसे अति-यथार्थवादी (hyper-realistic) फुटेज बनाना संभव कर दिया है जिन्हें वास्तविकता से अलग पहचानना लगभग असंभव है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक दृश्य तथ्य (visual fact) के अंत का प्रतीक हो सकती है।

'देखकर विश्वास करना' क्यों हुआ ख़त्म?

सदियों से, वीडियो को वास्तविकता का एक वस्तुनिष्ठ रिकॉर्ड माना जाता था। जब तस्वीरें फ़ोटोशॉप के माध्यम से आसानी से नकली बनाई जाने लगीं, तो वीडियो वैधता साबित करने का मानक बन गया क्योंकि इसे बदलना मुश्किल था।

लेकिन Sora, Google के Veo 3, और Meta AI के Vibe जैसे नए AI-संचालित जनरेटर ने इस समीकरण को बदल दिया है। ये उपकरण अब पाठ (Text) से उच्च-गुणवत्ता वाले, सिनेमाई वीडियो मिनटों में बना सकते हैं। यूज़र केवल एक प्रॉम्प्ट टाइप करके—जैसे 'एक रेकून हवाई जहाज़ पर है' या 'हॉलीवुड हस्तियों के बीच जापानी एनीमे शैली में लड़ाई'—पूरी तरह से असली लगने वाले वीडियो बना सकते हैं।

कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर, रेन एनजी ने कहा, "हमारे दिमाग को जो हम देखते हैं उस पर विश्वास करने के लिए मज़बूत रूप से प्रोग्राम किया गया है, लेकिन हमें अब रुकना और सोचना सीखना होगा कि क्या कोई वीडियो, और वास्तव में कोई भी मीडिया, वास्तविक दुनिया में हुआ था।"

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दुष्प्रचार और कॉपीराइट का ख़तरा

AI वीडियो जनरेटर की यह क्षमता मनोरंजन के लिए तो मज़ेदार है, लेकिन इसके गंभीर नकारात्मक निहितार्थ भी हैं:

गलत सूचना और दुष्प्रचार: इन उपकरणों का उपयोग नकली सुरक्षा फुटेज (fake security footage) या ऐसे अपराधों को फैलाने के लिए किया जा रहा है जो कभी हुए ही नहीं। राजनेताओं या मशहूर हस्तियों के डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल जनता की राय को प्रभावित करने या चुनावों को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है।

कॉपीराइट उल्लंघन: हॉलीवुड स्टूडियोज़ ने चिंता व्यक्त की है कि Sora द्वारा बनाए गए वीडियो पहले ही विभिन्न फिल्मों, शो और पात्रों के कॉपीराइट का उल्लंघन कर चुके हैं।

धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग: डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल लोगों को ब्लैकमेल करने, वित्तीय धोखाधड़ी करने, या आपराधिक कृत्यों के झूठे सबूत गढ़ने के लिए किया जा सकता है। 

उद्योग पर प्रभाव और समाधान की दिशा

AI वीडियो जनरेटर, जैसे कि Adobe Firefly और अन्य, कम लागत पर पेशेवर-गुणवत्ता वाले मार्केटिंग वीडियो कुछ ही मिनटों में बनाने की पेशकश करके वीडियो उत्पादन के पारंपरिक तरीके को बाधित कर रहे हैं। इससे छोटे व्यवसायों और कॉन्टेंट क्रिएटर्स को मदद मिल रही है, लेकिन साथ ही पारंपरिक फिल्म निर्माताओं और कलाकारों के लिए चुनौतियाँ भी बढ़ गई हैं 

OpenAI के सीईओ सैम अल्टमैन ने कहा है कि कंपनी कॉपीराइट धारकों को उनकी बौद्धिक संपदा पर नियंत्रण देने और सेवा से पैसा कमाने का रास्ता प्रदान करने पर काम कर रही है। हालाँकि, समग्र रूप से समाज को अब वीडियो सहित सभी दृश्य मीडिया को संदेह की दृष्टि से देखना सीखना होगा।

वीडियो जनरेटर द्वारा पेश की गई आसानी और यथार्थवाद यह सुनिश्चित करता है कि AI मीडिया साक्षरता (AI Media Literacy) अब हर नागरिक के लिए एक अनिवार्य कौशल बन गई है।
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