मैं और सचिन टेस्ट क्रिकेट से पैसे बनाएंगे...जब विनोद कांबली ने ठुकरा दिया था पार्ट-टाइम जॉब का ऑफर

मैं और सचिन टेस्ट क्रिकेट से पैसे बनाएंगे...जब विनोद कांबली ने ठुकरा दिया था पार्ट-टाइम जॉब का ऑफर

5 months ago | 5 Views

विनोद कांबली का नाम आते ही आप क्या सोचते हैं? सचिन तेंदुलकर का बाल सखा। टैलेंट में उनसे कमतर नहीं लेकिन...कम उम्र में नाम, शोहरत, दौलत से ऐसा भटकाव हुआ कि वह 'अर्श से फर्श' वाली कहावत का मूर्त रूप बन गए। जिन्होंने 90 का दशक देखा हो उन्हें तो अब भी याद होगा कि कैसे वह गेंदबाजों की सिट्टी-पिट्टी गुम कर देते थे। अनुशासन की कमी और भटकाव ने उनका करियर खत्म कर दिया।

लेकिन क्या आपको पता है कि क्रिकेट पर फोकस करने के लिए उन्होंने तब पार्ट टाइम जॉब का ऑफर ठुकरा दिया था, जब उनके ज्यादातर साथी खिलाड़ी क्रिकेट खेलने के साथ-साथ छोटा-मोटा काम भी करते थे।

विनोद कांबली पिछली बार तब चर्चा में थे जब वह पिछले साल दिसंबर में गंभीर रूप से बीमार थे। उनकी तस्वीरें देखकर क्रिकेट प्रेमी दहल गए थे। उनके पास इलाज तक के पैसे नहीं थे। ठाणे के आकृति अस्पताल में उनका इलाज हुआ। क्रिकेट जगत की कई हस्तियां उनकी आर्थिक मदद की पेशकश की थी। आज कांबली भले ही बदहाल हों, लेकिन उन्होंने पैसे की कभी परवाह नहीं की थी।

सचिन और कांबली के दोस्त ने बताया अनसुना किस्सा

इंडियन एक्सप्रेस ने सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली दोनों के दोस्त रहे सोली एडम के हवाले से पूर्व क्रिकेटर की एक अनसुनी दास्तां बताई है। सचिन ने 1992 में यॉर्कशर जॉइन किया था। वह पहले ऐसे विदेशी खिलाड़ी बने थे जिन्हें इस इंग्लिश क्लब ने साइन किया था। उस वक्त विनोद कांबली भी इंग्लैंड में थे और छोटे-मोटे क्लब क्रिकेट खेला करते थे। वहां उनकी धाक थी और कई सारे दोस्त भी। सचिन तब तक टेस्ट डेब्यू कर चुके थे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उभरते हुए सितारे थे। कांबली का अभी टेस्ट करियर शुरू भी नहीं हुआ था।


सोली एडम बिजनसमैन हैं और क्रिकेट से उनका जुनून की हद तक लगाव है। वह सचिन तेंदुलकर और कांबली दोनों के दोस्त हैं। उन्होंने ही मास्टर-ब्लास्टर को यॉर्कशर के लिए खेलने के लिए राजी किया था। एक दिन सोली के घर पर क्रिकेटरों की जुटान हुई थी। उसमें कई भारतीय क्रिकेटर थे। कई क्रिकेटर उनके पेट्रोल पंप, फैक्ट्री या शॉपिंग सेंटरों में पार्ट-टाइम जॉब किया करते थे क्योंकि क्लब क्रिकेट से खर्चा चलाना मुश्किल होता था।

पार्ट-टाइम जॉब की बात पर कांबली का वो जवाब

सोली बताते हैं, 'एक दिन हम लोग बैठे हुए थे, 10 क्रिकेटर रहे होंगे। विनोद और सचिन को छोड़कर सभी पार्ट-टाइम जॉब करते थे। तभी मुंबई के एक क्रिकेटर ने विनोद से पूछा- तुम एक मैच से सिर्फ 25 पाउंड कमाते हो, क्यों नहीं सोली के यहां ही कोई काम कर लेते हो? कांबली ने एक मिनट भी देर नहीं लगाई और जवाब दिया- मैं और सचिन टेस्ट क्रिकेट खेलकर पैसा बनाएंगे। मैं पार्ट-टाइम जॉब ककरके अपना ध्यान भटकाना नहीं चाहता।'

चकित कर देने वाला आत्मविश्वास

सोली कहते हैं, ‘यह असाधारण है, क्या आत्मविश्वास था। वह बहुत युवा था और अभी टेस्ट खेला भी नहीं था लेकिन उसमें इस तरह का आत्मविश्वास था।’

दो साल ही चल पाया टेस्ट करियर

अगले साल यानी 1993 में कांबली ने टेस्ट डेब्यू भी किया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी शानदार छाप छोड़ी। लेकिन दुर्भाग्य से ग्लैमर, तड़क-भड़क, स्टारडम, नेम-फेम, दौलत की वजह से उनका ध्यान ऐसा भटका कि करियर पीछे छूट गया। 1993 में शुरू हुआ टेस्ट करियर 1995 में खत्म हो गया। कांबली ने सिर्फ 17 टेस्ट मैच खेले जिनमें 4 शतक लगाए। इनमें 2 तो दोहरे शतक थे। उन्होंने 17 टेस्ट की 21 पारियों में 54.20 के शानदार औसत से 1084 रन बनाए हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 227 रन है।

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