IND vs ENG : भारत को मिलने जा रहा एक नया स्टार? नीतीश कुमार रेड्डी ने दे दी है आहट
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नीतीश कुमार रेड्डी को देखकर भविष्य के किसी स्टार की आहट सुनाई दे रही है। विराट-रोहित युग के बाद के एक स्टार का जन्म होता दिख रहा है। एक ऐसे ऑलराउंडर की आहट जो अगर कभी किसी मैच में टीम का बेस्ट बैटर साबित हो जाए और फिर किसी मैच में बेस्ट बोलर, तो वह कोई तुक्के की बात न हो। ये उसकी आदत हो। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में बल्ले से जौहर दिखाने वाले नीतीश कुमार रेड्डी ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में गेंद से कमाल किया है।
अगर कोई गेंदबाज विरोधी टीम के दोनों ओपनरों को आउट करे और वो भी एक ही ओवर में तो निश्चित तौर पर यह किसी उपलब्धि से कम नहीं है। 23 साल बाद किसी भारतीय गेंदबाज ने किसी टेस्ट में अपने पहले ही ओवर में 2 विकेट लेने वाला गेंदबाज मिला है। जो कारनामा आज से 23 साल पहले इरफान पठान ने किया था, उसे पहली बार किसी ने दोहराया है। नीतीश कुमार रेड्डी ने इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक लॉर्ड्स टेस्ट में यह कमाल किया है। उन्होंने इंग्लैंड की सलामी जोड़ी को खतरनाक होने से पहले ही तोड़ दिया और एक ही ओवर में दोनों बल्लेबाजों को चलता किया।
लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। सुपर स्टार जसप्रीत बुमराह, पिछले टेस्ट के स्टार आकाश दीप और मियां मैजिक के लिए मशहूर मोहम्मद सिराज के होते हुए भी भारत को अगर किसी ने पहली सफलता दिलाई, वो नीतीश कुमार रेड्डी ही थे।
भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की शुरुआत जसप्रीत बुमराह और आकाश दीप ने की। फिर बुमराह का छोर बदलने के लिए मोहम्मद सिराज को लाया गया। बुमराह-सिराज भी टीम को पहली सफलता नहीं दिला पाए। 13 ओवर में इंग्लैंड का स्कोर था 39 रन। जैक क्रॉली 18 रन और बेन डकेट 19 रन बनाकर खेल रहे थे।
14वें ओवर में कप्तान शुभमन गिल ने जसप्रीत बुमराह की जगह नीतीश कुमार रेड्डी को गेंद थमाई। दाहिने हाथ के इस मीडियम फास्ट बोलर ने आते ही अपने पहले ओवर की तीसरी ही गेंद पर भारत को पहली सफलता दिला दी। बेन डकेट 23 रन बनाकर नीतीश कुमार रेड्डी का शिकार बने। इसी ओवर में उन्होंने इंग्लैंड के बाकी बचे ओपनर जैक क्रॉली को भी पवैलियन का रास्ता दिखा दिया। क्रॉली 18 रन बनाकर आउट हुए।
नीतीश कुमार रेड्डी इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने बल्ले से भी जौहर दिखा चुके हैं। उन्होंने पिछले साल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से ही टेस्ट डेब्यू किया था। जब ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए उन्हें टीम में शामिल होने का ऐलान हुआ तब बहुत सवाल भी उठे थे। कई भृकुटियां भी तनी थीं। तब रेड्डी ने अपने डेब्यू सीरीज में ही अपने प्रदर्शन से उन पर शक करने वालों को गलत साबित कर दिया। उन्होंने भारत के लोवर-मिडल ऑर्डर को गहराई दी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में खेले गए बॉक्सिग डे टेस्ट मैच में उन्होंने शानदार शतक जड़ा। वह उस मैच में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन की पारी खेलने वाले बल्लेबाज रहे।
भारत की पहली पारी में नीतीश कुमार रेड्डी ने 189 गेंदों में 114 रन की पारी तब खेली जब भारत का शीर्ष और मध्यम क्रम बल्लेबाजी बुरी तरह लड़खड़ा चुकी थी। वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नंबर 8 पर बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बन गए। वह सबसे कम उम्र के ऑलराउंडर बन गए जिसने बाउंड्री के साथ अपने करियर का पहला शतक जड़ा हो। वह ऑस्ट्रेलिया में अपना पहला टेस्ट सेंचुरी जड़ने वाले तीसरे युवा भारतीय बल्लेबाज बन गए।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के 5 मैचों में उन्होंने 1 शतक की मदद से 298 रन बनाए। एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में उनका बल्ला खामोश है, लेकिन उनकी गेंद ने बोलनी शुरू कर दी है। इंग्लैंड के खिलाफ पिछले दोनों टेस्ट में वह दो पारियों में सिर्फ 2 ही रन बना पाए हैं। उम्मीद है कि इस सीरीज में बोलिंग के बाद वह बल्ले से भी छाप छोड़ पाएंगे।
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