इंग्लैंड ने पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर गलत किया, पूर्व कप्तान ने ECB पर बोला हमला

इंग्लैंड ने पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर गलत किया, पूर्व कप्तान ने ECB पर बोला हमला

5 months ago | 5 Views

दिवंगत मंसूर अली खान पटौदी के करीबी मित्र फारुख इंजीनियर ने कहा कि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज की ट्रॉफी का नाम बदलकर गलत किया तथा इस पूर्व कप्तान के नाम पर पदक देने का फैसला उनके जैसे प्रशंसकों को खुश करने के लिए किया गया। ईसीबी ने 2007 में भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए पटौदी ट्रॉफी की शुरुआत की थी, लेकिन पांच मैचों की मौजूदा सीरीज शुरू होने से पहले इसका नाम बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी कर दिया गया। इस फैसले की सुनील गावस्कर जैसे क्रिकेटरों ने आलोचना की थी।

इंजीनियर भी इस फैसले से निराश हैं लेकिन इसके साथ उन्हें यह भी लगता है कि सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन की उपलब्धियां निर्विवाद हैं। तेंदुलकर ने ईसीबी से संपर्क किया, जिसके बाद घरेलू बोर्ड ने सीरीज जीतने वाली टीम के कप्तान को पटौदी पदक देने का फैसला किया।

मैनचेस्टर में रहने वाले इंजीनियर ने पीटीआई से कहा, ‘‘टाइगर पटौदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे। मेरे बहुत अच्छे सहयोगी थे। हमने काफी टेस्ट मैच साथ में खेले। मुझे सबसे ज्यादा खुशी तब हुई जब 2007 में ट्रॉफी का नाम उनके नाम पर रखा गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक ओर जहां मैं इस बात से बहुत निराश हूं कि पटौदी का नाम हटा दिया गया। मैं चाहता हूं कि टाइगर का नाम इस ट्रॉफी से जुड़ा रहता लेकिन इसके बजाय सचिन और एंडरसन के नाम पर इस ट्रॉफी का नाम रखने का फैसला किया गया जो खेल के दिग्गज हैं।’’

इंजीनियर ने कहा, ‘‘इसके (पटौदी पदक की शुरुआत) बारे में बाद में सोचा गया। उन्हें इसकी घोषणा शुरू में ही कर देनी चाहिए थी, इससे अधिक विश्वसनीयता होती, लेकिन कम से कम उन्होंने कुछ तो किया। उम्मीद है कि पटौदी नाम इसे हमेशा जुड़ा रहेगा।’’

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पटौदी परिवार का भारत-इंग्लैंड क्रिकेट से गहरा नाता रहा है। इफ्तिखार अली खान पटौदी और उनके बेटे मंसूर दोनों ने भारत की कप्तानी की और दोनों ने इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेला।

दूसरी तरफ तेंदुलकर टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, जबकि एंडरसन ने तेज गेंदबाज के रूप में पारंपरिक फॉर्मेट में सर्वाधिक विकेट लिए हैं।

इंजीनियर ने कहा, ‘‘तेंदुलकर और एंडरसन की उपलब्धियों पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। इस कहानी के दो पहलू हैं। उन्होंने पदक का नाम पटौदी के नाम पर रखा है जो बहुत सोच-समझकर किया गया फैसला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला पटौदी के मुझे जैसे कई समर्थकों को खुश करने के लिए किया गया लेकिन आप उन्हें ट्रॉफी का नाम सचिन और एंडरसन के नाम पर रखने के लिए दोषी नहीं ठहरा सकते। मुझे उम्मीद है कि वे शर्मिला टैगोर (मंसूर की पत्नी) और उनके बेटे सैफ अली खान को पदक प्रदान करने के लिए आमंत्रित करेंगे।’’

भारत हेडिंग्ले में खेले गए पहले टेस्ट मैच में हारने के बाद पांच मैचों की सीरीज में 0-1 से पीछे है। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह कार्यभार प्रबंधन के कारण पांच में से केवल तीन मैच ही खेल पाएंगे, लेकिन 87 वर्षीय इंजीनियर चाहते हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा मैच खेलें।

उन्होंने कहा, ‘‘वह आपका तुरुप का इक्का है। उसे टीम से बाहर रखना सही नहीं होगा। वह भारतीय टीम के लिए बेहद उपयोगी है। उम्मीद है कि वह अधिकतर मैच में खेलेगा।’’

इंजीनियर ने 1961 से 1975 के बीच भारत के लिए 46 टेस्ट और पांच वनडे मैच खेले।ड

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