अनुपम खेर ने बताया मन से कैसे निकला गरीबी का डर, बताई दादाजी की सीख

अनुपम खेर ने बताया मन से कैसे निकला गरीबी का डर, बताई दादाजी की सीख

11 days ago | 7 Views

अनुपम खेर को इस इंडस्ट्री में 40 साल हो गए हैं। फिल्मों में अपनी जगह बनाने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। वह एक साधारण और सीमित आय वाले परिवार से थे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि जब वह गरीबी के दिन गुजार रहे थे तो उनके दादाजी ने क्या सीख दी थी। अनुपम खेर उसे आज भी नहीं भूले हैं।

दादा ने सिखाई खुशी की कीमत

अनुपम खेर ने पिंकविला से बातचीत में जिंदगी के कई उतार-चढ़ावों पर बात की। उन्होंने बताा कि अपने मन से गरीबी का डर कैसे दूर निकाला। अनुपम खेर बोले, मेरे दादाजी पंडित अमरनाथजी ने मेरे जहन से गरीबी का डर निकाल दिया था। छोटे से कमरे में हम 14 लोग रहते थे। सिर्फ मेरे पिताजी पैसे कमाते थे। 90 रुपये उनकी तनख्वाह थी पर हम सब खुश रहते थे। मैंने एक दिन अपने दादाजी से पूछा, हम इतने गरीब हैं तो खुश कैसे हैं। दादाजी बोले, बेटा जब इंसान गरीब होता है तो सबसे सस्ती चीज खुशी होती है। इस चीज ने मेरे मन से गरीबी का डर निकाल दिया।

समंदर को देते थे गालियां

अनुपम खेर ने बताया कि मुंबई जाकर वह सड़कों के किनारे सोए हैं। काम के लिए स्ट्रगल कर रहे थे तब रात को समुद्र के किनारे बैठकर उसे मोटी-मोटी गालियां देते थे। जाकर भड़ास निकालते थे। उन्होंने अपने डिप्रेशन पर भी बात की। अनुपम बोले, मैं 3 साल डिप्रेशन में रहा। मुझे पता नहीं चला कि क्यों हो रहा है लेकिन सो नहीं पा रहा था। कई सारे स्लीप स्टूडियोज में गया। डॉक्टर्स से मिला। एक आंखों के डॉक्टर ने बताया कि मुझे साइकिआट्रिस्ट की जरूरत है।

डॉक्टर का इलाज करने लगे अनुपम

अनुपम खेर चौंके। उन्हें लगा कि वह तो लोगों को ज्ञान देने के लिए किताब लिख चुके हैं। फिर भी वह डॉक्टर से मिलने गए। उसे सेल्फ हेल्प बुक दी और कॉन्फिडेंस से डॉक्टर से पूछा कि आपके जीवन में क्या दिक्कतें हैं। डॉक्टर भी उन्हें कुछ प्रॉब्लम्स बताने लगे तो अनुपम ने कई समस्याओं का समाधान दिया। अपनी किताब दी और कहा कि बेस्ट सेलर है। इसे पढ़िए और जरूरत हो तो फोन पर बात कीजिएगा।

डॉक्टर ने पकड़ा डिप्रेशन

जब अनुपम जाने लगे तो डॉक्टर पैड पर कुछ लिखने लगा। उन्होंने पूछा कि आप क्या लिख रहे हैं तो डॉक्टर बोले, आपकी दवाएं, आपको मैनिक डिप्रेशन है। डॉक्टर ने बताया कि अनुपम को ऑप्टिमिजम डिप्रेशन है। इसमें इंसान इतना पॉजिटिव होता है कि सारी चीजें दबाता रहता है। साइक्रिआटिस्ट के इलाज के बाद अनुपम ठीक हो गए।

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